इस स्थान पर श्रीकृष्ण ने बिताए 11 साल एवं 52 दिन

इस स्थान पर श्रीकृष्ण ने बिताए 11 साल एवं 52 दिन
गोकुल

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इस स्थान पर श्रीकृष्ण ने बिताए 11 साल एवं 52 दिन – On this Place where Shri Krishna spent 11 years & 52 days

गोकुलइस स्थान पर श्रीकृष्ण ने बिताए 11 साल एवं 52 दिन

मथुरा से लगभग 15 किमी दक्षिण पूर्व में स्थित गोकुल शहर इतिहास और आध्यात्मिकता से भरा हुआ है। यह वह पूजनीय स्थल है जहां शिशु भगवान कृष्ण को उनकी पालक मां यशोदा ने गुप्त रूप से प्यार से पाला था। यमुना के तट पर स्थित, गोकुल तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है,विशेष रूप से जन्माष्टमी और अन्नकूट उत्सव के दौरान, और यह संत वल्लभाचार्यजी की उपस्थिति से भी जुड़ा हुआ है।

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श्री ठकुरानी घाट – इस स्थान पर श्रीकृष्ण ने बिताए 11 साल एवं 52 दिन

भगवान विष्णु के अनुयायियों, विशेषकर वल्लभ संप्रदाय के अनुयायियों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है, क्योंकि यहीं पर श्री वल्लभाचार्य को श्री यमुना महारानी के दिव्य दर्शन हुए थे।

Thakurani Ghat
Thakurani Ghat

 

नंद भवन – इस स्थान पर श्रीकृष्ण ने बिताए 11 साल एवं 52 दिन

5000 साल पहले दिव्य वास्तुकार विश्वकर्मा द्वारा बनाया गया नंद भवन इतिहास का एक प्रमाण है। यह भगवान कृष्ण के पालक पिता नंद का घर था, और युवा कृष्ण और उनके भाई बलराम के पालन-पोषण के निवास के रूप में कार्य करता था, जबकि उनके जन्मदाता माता-पिता को राजा कंस ने वृंदावन में बंदी बना लिया था।

इस स्थान पर श्रीकृष्ण ने बिताए 11 साल एवं 52 दिन
Nand Bhawan

रमणरेती –इस स्थान पर श्रीकृष्ण ने बिताए 11 साल एवं 52 दिन

माना जाता है कि रमण रेती वही रेत है जहां भगवान कृष्ण ने बचपन में खेला था। यह पवित्र स्थल वह स्थान भी है जहां श्रद्धेय संत स्वामी ज्ञानदासजी ने 12 वर्षों तक कठोर तपस्या की, जिससे भगवान को दिव्य दर्शन प्राप्त हुए। आज, रमनबिहारीजी मंदिर भक्ति स्थल के रूप में खड़ा है, जहां साधक भगवान कृष्ण का आशीर्वाद पाने के लिए रेत पर लोटते हैं।

Raman Reti

परिवहन – गोकुल, मथुरा से 10 किलोमीटर दूर स्थित, एक लोकप्रिय हिंदू तीर्थ स्थल है, जो आगंतुकों के लिए कई परिवहन विकल्प प्रदान करता है।

सड़क मार्ग:

गोकुल सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा मथुरा से आने-जाने के लिए लगातार बस सेवाएं संचालित की जाती हैं। शहर को यमुना एक्सप्रेसवे और ताज एक्सप्रेसवे सहित राज्य और संघीय राजमार्गों के नेटवर्क से भी लाभ मिलता है।

रेलमार्ग:

निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा में है, जो गोकुल से केवल 7 किमी दूर है। वहां से आप गोकुल पहुंचने के लिए आसानी से कैब बुक कर सकते हैं। मथुरा का रेलवे स्टेशन दिल्ली, लखनऊ और मुंबई जैसे प्रमुख भारतीय शहरों तक सुविधाजनक पहुंच प्रदान करता है।

वायु मार्ग:

निकटतम हवाई अड्डा आगरा में है, जो 54 किलोमीटर दूर स्थित है। आगरा से आप गोकुल पहुंचने के लिए टैक्सी की व्यवस्था कर सकते हैं। हालाँकि आगरा हवाई अड्डे के पास सीमित उड़ान विकल्प हैं, वैकल्पिक हवाई अड्डों में जयपुर (232 किमी दूर) और दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (186 किमी दूर) शामिल हैं। इन हवाई अड्डों से आप गोकुल पहुंचने के लिए कैब बुक कर सकते हैं। आने वाले दिनों में एक और नजदीकी जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा चालू हो जाएगा जो गोकुल से लगभग 90 किमी की दूरी पर स्थित है।

 

यहाँ मथुरा के पास कुछ प्रसिद्ध स्थान हैं जहाँ आप जा सकते हैं –

  1. वृंदावन यह स्थान श्रीबांके बिहारी मंदिर और इस्कॉन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।

      2. गोवर्धन पर्वत उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के अंतर्गत आता है। गोवर्धन और आसपास के क्षेत्र को ब्रज भूमि भी कहा जाता है। यह वह स्थान है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने 11 वर्ष और   52 दिन बिताए  थे। इस स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था।

      3. बरसाना  राधा रानी मंदिर, कीर्ति मंदिर व लठमार होली त्योहार के लिए प्रसिद्ध है। यह श्री राधा रानी का जन्म स्थान है

      4. द्वारकाधीश मंदिर यह मथुरा के सबसे प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों में से एक है, इस मंदिर का निर्माण 1814 में ग्वालियर के सेठ गोकुल दास पारिख और उनके परिवार ने करवाया था।

       5. कुसुम सरोवर एक ऐतिहासिक बलुआ पत्थर स्मारक और गोवर्धन में एक जलाशय। ये स्थान समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक अनुभव प्रदान करते हैं।

यदि आपको गोकुल तक परिवहन के बारे में अधिक विशिष्ट जानकारी चाहिए तो बेझिझक पूछें !

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